अब अगर आओ तो जाने के लिए मत आना ! शिर्फ़ कुछ जताने के लिए मत आना ! मेने पलकों पे तमंन्याएँ सजायें रखी है! दिल में उम्मीद सौ समाएं जल रखी है ! ये हसीन शाम को भुजाने के लिए मत आना ! प्यार की आग में जंजीरे पिगल सकती है! चाहने वालो की तक़दीर बदले सकती है ! तुम हो बेबस ये बताने के लिए मत आना ! अगर लगे तुम्हे की कोई महोबत है मुझसे तुम्हे ! तुम्हारे मन में भी मिलने की चाहते है मुझसे! तो कोई रस्म निभाने मत आना तुम बिना मन के मत आना #pankajMeena#TumMatAana