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चला था एक राह मंजिल की तलाश में राहें थी टेढ़ी मेढ

चला था एक राह मंजिल की तलाश में
राहें थी टेढ़ी मेढ़ी, भटका दिया ज़िंदगी ने मुझे

अजनबी थी राहें, मैं नया था मुसाफ़िर
मेरी ज़िंदगी  ही बन  बैठी  थी काफ़िर
ना साथी संग में,ना कोई कारवां ये हमराही
करता क्या जब ज़िंदगी ने मारा मुझे

राहें थी टेढ़ी मेढी,भटका दिया ज़िंदगी ने मुझे।
— % & भटका दिया ज़िन्दगी ने मुझे...
#भटकादिया #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
चला था एक राह मंजिल की तलाश में
राहें थी टेढ़ी मेढ़ी, भटका दिया ज़िंदगी ने मुझे

अजनबी थी राहें, मैं नया था मुसाफ़िर
मेरी ज़िंदगी  ही बन  बैठी  थी काफ़िर
ना साथी संग में,ना कोई कारवां ये हमराही
करता क्या जब ज़िंदगी ने मारा मुझे

राहें थी टेढ़ी मेढी,भटका दिया ज़िंदगी ने मुझे।
— % & भटका दिया ज़िन्दगी ने मुझे...
#भटकादिया #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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