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कोइ तो था! जो अब तक लड़ रहा था मेरे लिए। आज मैनें

कोइ तो था!
जो अब तक लड़ रहा था मेरे लिए।
आज मैनें देखा उसको,
मेरी मजबूत आवाज़ बनते।
आखिर...
"अपने तो होते ही हैं अपने"
चाहें वो बिछड़े यार हों या बीते सपनें।।

उस कौतूहल भरे बंद कमरे में,
कोई...
रह-रह कर उठा रहा था मेरा नाम,
कड़ी पाबंदियों के बीच,
ये सब देख रहा था मेरा दिल।
और आतुर था ,उसकी इस अदा पर..
फिर से होने को कुर्बान।।
                                      __@nuj सिंह

©anuj singh #✍️✍️✍️
कोइ तो था!
जो अब तक लड़ रहा था मेरे लिए।
आज मैनें देखा उसको,
मेरी मजबूत आवाज़ बनते।
आखिर...
"अपने तो होते ही हैं अपने"
चाहें वो बिछड़े यार हों या बीते सपनें।।

उस कौतूहल भरे बंद कमरे में,
कोई...
रह-रह कर उठा रहा था मेरा नाम,
कड़ी पाबंदियों के बीच,
ये सब देख रहा था मेरा दिल।
और आतुर था ,उसकी इस अदा पर..
फिर से होने को कुर्बान।।
                                      __@nuj सिंह

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anujsingh9953

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