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"इशारों में ही समझ लिया करों मेरी बातों को, मुझे

"इशारों में ही समझ लिया करों मेरी बातों को, 
मुझे ज़ुबान-ए-इश्क़ में फ़रमाना नहीं आता।" #ज़ुबान-ए-इश्क़
"इशारों में ही समझ लिया करों मेरी बातों को, 
मुझे ज़ुबान-ए-इश्क़ में फ़रमाना नहीं आता।" #ज़ुबान-ए-इश्क़

#ज़ुबान-ए-इश्क़