न अच्छाई कहीं ,न सच्चाई बची। अलग थलग हुए पड़े सब,न कुछ समझदारी बची, पहले जैसे दोस्त नहीं,न ही निस्वार्थ यारी बची। झूठे लोग, झूठे वादे,पहले जैसे अब देवदास नहीं, आजकल इश्क़ जैसी भी कोई जज़्बात नहीं। पहले जैसी अब बात नहीं। न अच्छाई कहीं ,न सच्चाई बची। पहले जैसी बात नहीं, क्या तुमको कुछ याद नहीं। #पहलेजैसीबात #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi