"गुलज़ार" रोऐ थे हम बेहद्द, होकर तुमसे दूर जब खोया था सबने इन आँखों का सुरूर... गए तुम बेवक्त, बिन कहें ! रेह गई कुछ बाते, रहे कुछ अरमा अनकहे... कोई सोचे दादी को अपनी, तो करे याद नखरे नानी से... मनमानी दादा से अपनी, वो किस्से पुराने नाना के सुनते थे कहानियां जिनसे, आज खुद कहानियो में है न होकर भी पास, किसी की परछाइयों में है.... सींचे मोहब्बत से अपनी, यह "गुलज़ार" हमने बनाया है पिरोह एक धागो में सबको सीपों सी माला हमे बनाया हैं .... ©Mchokla.bsw #beloved #loved #Elders #youngers #Passed #leftalone #departedsoul #Departure #Deceased #died