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इस lockdown के चलते अपने आप को कुछ यूं बदल रहा हूॅ

इस lockdown के चलते अपने आप को कुछ यूं बदल रहा हूॅ मैं
कि जिंदगी की तेज रफ्तार से खुद से दूर हो गया था कभी
आज वापस उस जिंदगी से गले मिल रहा हूँ मै

भागदोड़ भरी इस जिंदगी में बस रोटी खाकर निकल जाता था घर से
आज सूकून से घर में बैठा हूं तो पता चला कि रोटी के साथ माँ का ढेर सारा प्यार निगल रहा हूँ मैं

कभी खाहिश थी कि वक्त थम जाए तो एक बार 
अपने आप को टटोलकर देखू ,सफर ए मासूमियत की शुरूआत करु

खुदा का शुक्र देखो

आज उसी की राह पर चल रहा हूॅ मै

अपने शहर में अक्सर ही खाली मकान देखकर, 
मानो मैं भी पत्थर हो चला था
आज उन घरो में पूरा परिवार देखकर थोड़ा थोड़ा पिंघल रहा हूँ मैं
बड़ी खाहिश थी कभी कि मैं भी जीवन मे थोड़ा बेहतर हो सकू
तेरा रहम है मेरे मालिक

कि आज अपने विचारो को कल से बेहतर करता चल रहा हूॅ मैं  
:अविका राठी(pearlikA)

©pearlikA #Meratajurba  Roshni Bano Deepak Chandra Abdullah Qureshi shayar Sanchit Uniyal
इस lockdown के चलते अपने आप को कुछ यूं बदल रहा हूॅ मैं
कि जिंदगी की तेज रफ्तार से खुद से दूर हो गया था कभी
आज वापस उस जिंदगी से गले मिल रहा हूँ मै

भागदोड़ भरी इस जिंदगी में बस रोटी खाकर निकल जाता था घर से
आज सूकून से घर में बैठा हूं तो पता चला कि रोटी के साथ माँ का ढेर सारा प्यार निगल रहा हूँ मैं

कभी खाहिश थी कि वक्त थम जाए तो एक बार 
अपने आप को टटोलकर देखू ,सफर ए मासूमियत की शुरूआत करु

खुदा का शुक्र देखो

आज उसी की राह पर चल रहा हूॅ मै

अपने शहर में अक्सर ही खाली मकान देखकर, 
मानो मैं भी पत्थर हो चला था
आज उन घरो में पूरा परिवार देखकर थोड़ा थोड़ा पिंघल रहा हूँ मैं
बड़ी खाहिश थी कभी कि मैं भी जीवन मे थोड़ा बेहतर हो सकू
तेरा रहम है मेरे मालिक

कि आज अपने विचारो को कल से बेहतर करता चल रहा हूॅ मैं  
:अविका राठी(pearlikA)

©pearlikA #Meratajurba  Roshni Bano Deepak Chandra Abdullah Qureshi shayar Sanchit Uniyal
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