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हमने ये सोचा न था कि धीरे-धीरे हम, उनकी मोहब्बत के

हमने ये सोचा न था कि धीरे-धीरे हम,
उनकी मोहब्बत के तलबगार हो जाएंगे............
हम पढ़ेंगे ग़ज़ल जब महफ़िल में बैठकर,
तो इस जहां में वीराने गुलज़ार हो जाएंगे..........
और अपनी ग़ज़लों से इस कदर भर देंगे,
बेइंतेहा मोहब्बत सारे ज़माने वालों में हम.........
कि ज़माने वाले भी उसके बाद से हमेशा,
हमारे इन अहसनों के कर्ज़दार हो जाएंगे..........

©Poet Maddy हमने ये सोचा न था कि धीरे-धीरे हम,
उनकी मोहब्बत के तलबगार हो जाएंगे............
#Thought#Love#Gazal#Gathering#Beautiful#Fill#World...........
हमने ये सोचा न था कि धीरे-धीरे हम,
उनकी मोहब्बत के तलबगार हो जाएंगे............
हम पढ़ेंगे ग़ज़ल जब महफ़िल में बैठकर,
तो इस जहां में वीराने गुलज़ार हो जाएंगे..........
और अपनी ग़ज़लों से इस कदर भर देंगे,
बेइंतेहा मोहब्बत सारे ज़माने वालों में हम.........
कि ज़माने वाले भी उसके बाद से हमेशा,
हमारे इन अहसनों के कर्ज़दार हो जाएंगे..........

©Poet Maddy हमने ये सोचा न था कि धीरे-धीरे हम,
उनकी मोहब्बत के तलबगार हो जाएंगे............
#Thought#Love#Gazal#Gathering#Beautiful#Fill#World...........
manishsaini7413

Poet Maddy

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