जन्म और मृत्यु के बीच का फासला ही जीवन है। तो फिर भय कैसा? कभी न कभी फासला मिटेगा ही और यही मुहब्बत है। ©आला चौहान"मुसाफ़िर" #lifethought #jivankihaqiqat #RAMADAAN