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मैं एतियतान उस गली से कम गुजरता हूं, जिस गली में आ

मैं एतियतान उस गली से कम गुजरता हूं, जिस गली में आपका साया ना हो, आपने सब किया दिन रात हमारे लिए एक किया ऐसा कभी पल ना आया जब मैंने कुछ चाहा और बाबूजी आपसे पाया ना हो!!.. बाबूजी आपसे ही तो घर में चिराग है, आपसे ही तो मेरी मां का सुहाग है!..." आज कुछ कहना चाहता हूं, अगर मां जन्नत की चाबी है ना तो पिता वहीं का डोर , अगर पिता का साया ना हो ना तो अंधेरा लगे चारों ओर", .. पिता ही तो गुरूर है पिता ही तो सम्मान है , पिता के बगैर अधूरा ये जहान है!!.... पिता के साए से ही तो फिज़ा में करार आईं , पिता के कारण ही मेरी मां के शबनम जैसी आंखों में भी करार  आईं !!... मोहब्बत आपसे भी है बस बयां कर ना पाया...
 i love uh♥️ ना बोल पाने की दिल में लगीं इस उदासी को कभी बुझा ना पाया !!........ मुझे लेके ख्वाब तो आपके इतने बड़े कि इस जहां का परवर दीगारा बन जाऊं इस आसमान का चमकता सितारा बन जाऊं, चमकता सितारा तो छोड़ो मै नदी का किनारा बन ना पाया , माफ करना बाबूजी मैं ज़िन्दगी की दौड़ में मंसूर बनने का इरादा लिए था पर  वो सितारा बन ना पाया !!.... पर वादा है मेरा आपसे एक दिन उड़ानें मेरी भी भरेगी आवाज़ें मेरी भी उठेगी , शोहरतें मेरी भी होगी , उन शोहरतों में भी आपका साया चाहूंगा मैं बाबूजी आपका हाथ जिस दिन सिर से उठ गया ना उसी पल ज़िन्दगी से हारा हो जाऊंगा मैं बाबूजी... ज़िन्दगी से हारा हो जाऊंगा मैं बाबूजी ... बस आपका ही साया चाहुंगा मै बाबूजी🙏
#गौरव उद्विग्न पिता से तो बहार है , ज़िन्दगी तभी तो चमत्कार है..
मैं एतियतान उस गली से कम गुजरता हूं, जिस गली में आपका साया ना हो, आपने सब किया दिन रात हमारे लिए एक किया ऐसा कभी पल ना आया जब मैंने कुछ चाहा और बाबूजी आपसे पाया ना हो!!.. बाबूजी आपसे ही तो घर में चिराग है, आपसे ही तो मेरी मां का सुहाग है!..." आज कुछ कहना चाहता हूं, अगर मां जन्नत की चाबी है ना तो पिता वहीं का डोर , अगर पिता का साया ना हो ना तो अंधेरा लगे चारों ओर", .. पिता ही तो गुरूर है पिता ही तो सम्मान है , पिता के बगैर अधूरा ये जहान है!!.... पिता के साए से ही तो फिज़ा में करार आईं , पिता के कारण ही मेरी मां के शबनम जैसी आंखों में भी करार  आईं !!... मोहब्बत आपसे भी है बस बयां कर ना पाया...
 i love uh♥️ ना बोल पाने की दिल में लगीं इस उदासी को कभी बुझा ना पाया !!........ मुझे लेके ख्वाब तो आपके इतने बड़े कि इस जहां का परवर दीगारा बन जाऊं इस आसमान का चमकता सितारा बन जाऊं, चमकता सितारा तो छोड़ो मै नदी का किनारा बन ना पाया , माफ करना बाबूजी मैं ज़िन्दगी की दौड़ में मंसूर बनने का इरादा लिए था पर  वो सितारा बन ना पाया !!.... पर वादा है मेरा आपसे एक दिन उड़ानें मेरी भी भरेगी आवाज़ें मेरी भी उठेगी , शोहरतें मेरी भी होगी , उन शोहरतों में भी आपका साया चाहूंगा मैं बाबूजी आपका हाथ जिस दिन सिर से उठ गया ना उसी पल ज़िन्दगी से हारा हो जाऊंगा मैं बाबूजी... ज़िन्दगी से हारा हो जाऊंगा मैं बाबूजी ... बस आपका ही साया चाहुंगा मै बाबूजी🙏
#गौरव उद्विग्न पिता से तो बहार है , ज़िन्दगी तभी तो चमत्कार है..

पिता से तो बहार है , ज़िन्दगी तभी तो चमत्कार है.. #गौरव