माना पहली नज़र में थोड़ी उखड़ी-उखड़ी लगती है, उसकी खूबसूरती जैसे ओस की कोई बूंद कमल पर पड़ी लगती है, उसे गुलाब कहना ठीक नहीं, ग़ुलाब में कांटें होते हैं, वो बस गुलाब की पंखुड़ी लगती है, तुम उसे अदब से पेश आना, वो लड़की लिखी पढ़ी लगती है, और तमाम अदीबों से मेरा एक सवाल, क्या हिजर की रात सचमुच बड़ी लगती है...... Shayar Sharif #Nojoto, #Shayari, #Shayar_Sharif, #Gulab, #Kamal, #Kante, #Hijar, #Ladki