एक दीवार आइने की.. दरमियान, वक़्त है टूटने को मुल्तवी हर सपना मेरा.. बयां कर भी दे अजनबी को यूं तो कई असमंजस मे.. नासमझ,फिर बेकरार उड़नेको लफ्ज़,दो लफ्ज़ सही.. 'अंकित ' कर जा मेरे मन को इनकार भी क़ुबूल तेरा.. बस तुजसे मिले सुन ने को! #इनकार