मेरा देश पहले था वैसा ही रहने दो महफूज़ मेर देश को सभ्य समाज से रहने दो जैसा था मेरा देश पहले वैसा रहने दो नहीं चाहिए मुझे ऐसा देश जिसमे मासूमों को हवस का शिकार बनाया जाता कभी खुले आम इंसान पशु बन जाता पहले लोग दिल से बिटिया लाडो कहते थे पहले लोगो की कथनी और करनी एक होती थी आज हर एक लड़की माल और आईटम कहते है बाहर सराफात और अंदर संभोग भावना रखते है पहले लोग प्यार करते थे आज भी लोग प्यार करते है एक रामायण सा पवित्र होता था एक हवस हो गया है गिन्न आती है मुझे ऐसे समाज से मुझे दूर ही रहने दो महफूज़ मेर देश को सभ्य समाज से रहने दो जैसा था मेरा देश पहले वैसा रहने दो मोमबत्ती से कुछ नहीं होगा मसाल जलनी चाहिए जहां से इनकी हवस पैदा हो आग वहां लगनी चाहिए एक दूसरे का साथ दो हस्तीं नामर्दो की मिटा दो महफूज़ मेर देश को सभ्य समाज से रहने दो जैसा था मेरा देश पहले वैसा रहने दो शिवराज खटीक मेरा देश पहले था वैसा ही रहने दो