हसीन इत्तेफ़ाक़। हसीन इत्तेफ़ाक़ था हमारा मिलना भी, "मेरी जान" हसीन इत्तेफ़ाक़ था हमारा मिलना भी,किसी काम से आए थे और अब किसी काम के ना रहे। एक ज़ख़्म मिला छोटा सा और दर्द भी ना हुआ,(×2)। उलझन में पूछा जब दिल से सवाल तो दिल ने जवाब दिया,के तुम मोहब्बत के मारे अब ख़ुद के भी ना रहे। दुआओं में मांगनी थी जरा दूरियां हमको,(×2) नजदीकियों से मिली तकलीफ से वाक़िफ जो थे। पर जाने कैसी बात हुई की कुछ कह ना सके, उसे देखकर शायद फिर हम होश मे ना रहे। हसीन इत्तेफ़ाक़ था हमारा मिलना भी,किसी काम से आए थे और अब किसी के ना रहे। 💜💜.... Thank uhhh for sweet poke 🌸 Animesh Sah ❣️ Ohhh finally aaj mention hogye 😯😂😂