मिस्र की सभ्यता बुखार से खत्म हो रही थी....... पुरोहित रोज नरबलि दे रहे थे बुखार का देवता शहर से चला जाए।।।।।।। भारत में गाय का गोबर जल रहा था नीम का धुआं कपूर, आम, घी, जौ, तिल का हवन।।।। दादी बकरी का दूध पिलाते हुए बता रही थीं ये बावन पौधों की पत्तियां खा कर आती है शाम तक।।।। दादी ने कीवी नहीं देखा था और नारियल लेकर ट्रक नहीं आते थे।।।। तब गंगा में साबुन लगाना पाप था।।।।।। जब औरतों का भारत हुआ करता था............. बाबा लोग मूछों को ताव देकर, तेरहवीं तक मर जाते थे।।।।।। दादी मां के नुस्खे, औरतें ही जिंदा क्यों रहती हैं??????? बेशर्म होकर मौतों से लड़ जाती हैं, बच्चों को बचा ले जाती हैं।।।।।।।।। पुरुष, कभी औरत नहीं बन पाता।। सदियों जीती औरत पर घमंड से भस्म हो जाता है।।।।।।। हरि ॐ राम यादव 26.10.23 ©Ram Yadav #बुखार #अध्यात्म