इन्सान को इंसानियत सर्मशार करते देखा है एक जानवर को बिना वजह मारते देखा है क्या सुझा तुमको जो उसे पटाखे खिला बैठे पेट में उसके बच्चे को भी तड़पते हुए देखा है अपनी जान के खातिर घंटों पानी में खड़ी रही उस हथिनी को रोते बिलखते सभी ने देखा है मदद के लिए सभी खड़े थे चिखती चिल्लाती रही क्या मुसीबत थी जो सभी ने अपनी आंखों से देखा है उस बनाने वाले खुदा ने कभी नहीं सोचा था इंसान जानवर को बिना वजह मारते हुए देखा है अपनी गलतियों पर शर्मिदा नहीं हुआ वो इंसान आरिफ बहुत बेचैन हुई नजरों से मैंने उसे देखा है इन्सान को इंसानियत सर्मशार करते देखा है एक जानवर को बिना वजह मारते देखा है क्या सुझा तुमको जो उसे पटाखे खिला बैठे पेट में उसके बच्चे को भी तड़पते हुए देखा है अपनी जान के खातिर घंटों पानी में खड़ी रही उस हथिनी को रोते बिलखते सभी ने देखा है