देख बादल के झुण्डों को पक्षी सभी, बहती हवाओं से वो बतलाने लगे, उरख वर्षा की ठण्डी फुहारों को वो, प्रफुल्लित गीतों की धुन वो गाने लगे, देख ऐसे सुसज्जित वातावरण को तब, याद सावन की सबको आने लगी, शीतल वर्षा की फुहारों से छनती हवाएँ, अपनी आकर्षण से सभी को लुभाने लगी...... ✍✍✍✍ ©Reena Agrahari रीना अग्रहरि✍✍✍✍