नहीं गाड़ी, नहीं बंगला, फिर भी हम अमीर है क्योंकि कुछ मुस्कुराते चेहरे दिल के करीब है ठोकर खा कर भी संभल जाता है कोई खुदा की रहमत से कोई बिना ठोकर के गिरता है, अपना अपना नसीब है ©Brijesh Dave(Vibhav) नहीं गाड़ी, नहीं बंगला, फिर भी हम अमीर है क्योंकि कुछ मुस्कुराते चेहरे दिल के करीब है ठोकर खा कर भी संभल जाता है कोई खुदा की रहमत से कोई बिना ठोकर के गिरता है, अपना अपना नसीब है --- ब्रिजेश दवे 'विभव' #शायरी #शायर #हिन्दीशायरी #हिन्दी #hindi_shayari #hindishayari #hindisayri #Shayari #sayari #shayri