मेरे चेहरे का राज़ तुम पहचानोगे कैसे... जो बीती नहीं तुम पे उस बात को जानोगे कैसे... चल रही थी दर्द की हवा तब जैसे... किसी के पास ना थी ज़ख्म की दवा तब वैसे... उस चोट पे मलहम तुम लगाओगे कैसे...। #dilkibaatein #yqbaba #yqdidi #jazbaat #chot #dard_e_dil