ख्वाहिशें [ नीचे पढ़ें ] ख्वाहिशें मैं दुनिया के भीड़ में नहीं तुझमें खोना चाहता हूं । विषम परिस्थितियों में कंधों पर तेरे रोना चाहता हूं ।। अपना होकर तुम्हारा भी होना चाहता हूं । तुम्हारे ख्वाबों खातिर सोना चाहता हूं ।। जो करदे तुम्हें आनंदित वह पल होना चाहता हूं । कीमतों जो भी हो तुम्हारे मुस्कानों का ,वह चुकाना चाहता हूं ।। खामोशियों को तुम्हारे होठों से सुनना चाहता हूं ।