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महफिल उसी की है जो मुस्कुराना जानता हो, शमा उसी की

महफिल उसी की है जो मुस्कुराना जानता हो, शमा उसी की है जो रोशनी जलाना जानता हो। इस दुनिया में मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे  चर्च तो बहुत है लेकिन ईश्वर उसी का है जो सर झुकाना जानता हो।

©Arjun Verma
  भक्ति शायरी
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Arjun Verma

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भक्ति शायरी

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