मैं आज तुझे तुझसे रूबरू करवाती हूँ चल आज तुझे तेरी खामियाँ गिनवाती हूँ, ये जो झूठ बोलकर मुझसे अपनी बात मनवा लिया करता है सच कहूँ तो मेरी नज़रों में अपनी औकात गिरा लिया करता है, ओर तुझे लगता है मै तेरे झूठ को सच मान जाती हूं चल आज तुझे तेरी खामियां गिनवाती हूँ, याद है मुझे वो दिन जिस दिन प्रोजेक्ट बनाना है ये कहकर तू मुझसे मिलने नहीं आ पाया था उस दिन तेरे उस प्रोजेक्ट की रिपोर्ट सीधे मेरे फ़ोन पर आई थी ओर तुझे लगता है मैं पागल कितनी जल्दी उल्लू बन जाती हूँ मुझसे शादी का वादा कर बड़ी आसानी से वादे तोड़ दिए तू वही है ना जिसने किसी गैर से रिश्ते जोड़ लिए इतना कुछ होने के बाद भी मैं तेरी खुशी के आगे झुक जाती हूँ निभाना नहीं था प्यार तो करने की क्या जरूरत थी सच ही बोल देता झूठ बोलने की क्या जरूरत थी तू वही है ना जो कहता था कि मैं हर बात पर शक कर जाती हूँ चल आज तुझे तेरी खामियाँ गिनवाती हूँ, तुझे खुद से रूबरू करवाती हूँ ।। #part#first . . तुझे तेरी खामियाँ गिनवाती हूँ, चल आज तुझे खुद से रूबरू करवाती हूँ।।