पहले झुगी झोपड़ी से हरा भरा था, आप ऊँचे-ऊँचे मकानों पर खड़ा है, वो बच्चपन का मैदान अब अलग ही मोड़ पर है, बच्चों के हाथो में फोन और वहाँ किसी मानसिक डॉक्टर का घर है, वो शांत सी सड़कों पर बहुत सारा शोर है, मैने पूछा था किसी से, क्या ये प्रगति पसंद है आपको, वो कहते है ये सब हम पर बस अमीरों का जोर है। OPEN FOR COLLAB ✨ #ATमेराशहर1 • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ Collab with your soulful words.✨ Transliteration: Mera sheher ab badal sa gaya hai