चुपचाप चुपचाप सा हो जाता है कुछ दर्द है अनकहा सा जो हो करके गुज़र जाता ख़ामोश लबों की आरज़ू आंखों में नमीं बंद किए एहसासों का बवंडर रिश्तों की पहचान लिए ख़ुद में गुम हो जाता है दर्द का घूंट पी गए तो नासूर बन जाता है जो ज़ख्म दिखा दिए तो मरहम कम पड़ जाता है तन्हा विराने की धूल में दिल खो सा जाता है - यामिनी चुपचाप