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स्टेशन से गाड़ी छूटी जब आँखें बोझिल दिल भारी था ते

स्टेशन से गाड़ी छूटी जब
आँखें बोझिल दिल भारी था
तेरी याद में शमां जलायी थी
इक अंधेरा सा तारी था
तेरे बालों की खुश्बू वो 
तेरी मासूम निगाहें वो
वो नाज़ुक नाज़ुक हाथ तेरे 
तेरा चेहरा भी नूरानी वो
 तेरी सांसों की गरमाहट 
वो तेरे ख्वाबों का उड़ना
वो आधे अधूरे काम तेरे
उस पर रह रह कर लड़ना
सब याद तेरी ले आते हैं 
बस एक ही बात जताते हैं 
मेरी बिटिया अब चली गई 
माँ की आँखों से दूर हुई
वो तेरा लिपटना यूँ मुझसे 
बस तुझ संग नींदें आती थी
अब बस यादों में आती हो
कभी अंग संग तुम महकाती थी
स्टेशन से गाड़ी छूटी जब
आँखें बोझिल दिल भारी था
तेरी याद में शमां जलायी थी
इक अंधेरा सा तारी था
तेरे बालों की खुश्बू वो 
तेरी मासूम निगाहें वो
वो नाज़ुक नाज़ुक हाथ तेरे 
तेरा चेहरा भी नूरानी वो
 तेरी सांसों की गरमाहट 
वो तेरे ख्वाबों का उड़ना
वो आधे अधूरे काम तेरे
उस पर रह रह कर लड़ना
सब याद तेरी ले आते हैं 
बस एक ही बात जताते हैं 
मेरी बिटिया अब चली गई 
माँ की आँखों से दूर हुई
वो तेरा लिपटना यूँ मुझसे 
बस तुझ संग नींदें आती थी
अब बस यादों में आती हो
कभी अंग संग तुम महकाती थी