क्षणिकाएँ:- (1) भरे बादल जोर से गिरे उस पहाड़ी पर बसे दस घरों के गाँव पर कुचला पैरों तले ले गये बहाकर! (2) वो तितली रंगों से भरी थी हाथ में मसला जाने किस ने बस 'काला रंग बचा'! (3) कड़कड़ाहट आसमानी बिजली की सुनी उस रात सभी ने जाकर गिरी किस पर तन पर या मन पर पता न चला...! 🌹 Copyright protected ©️®️ #mनिर्झरा क्षणिकाएँ:- (1) भरे बादल जोर से गिरे उस पहाड़ी पर बसे दस घरों के गाँव पर