टि्वकंल की गुहार.... मैं 3 साल की बेटी, हुआ है मुझपे अत्याचार मैं न जानूँ अर्थ शब्द का कि क्या है बलात्कार और उन दरिंदों ने पहुँचाया दर्द मुझे किया प्रताड़ित मुझे.. कौन कहता है अत्याचार का मजहब नहीं होता.. अगर ऐसा न होता तो दरिंदा मुस्लिम ही न होता... मेरे सपने जो प्रस्फुटित ही न हुए उनको कुचल दिया.. मेरी आशायें मेरे ख्वाबों की लहरों को बर्बाद कर दिया.. मेरे मासूम से दिल मेरी प्यारी आँखें तक निकाल लिया... योगी अंकल मोदी अंकल कुर्सी से उठ कर अपनी इस बेटी का भी बदला लो न .. जो लोग मौन हैं उनको कसके खींच न्याय का तमाचा दो न.. पाप शायद इतना था हिंदू घर पैदा हो गयी मुस्लिम होती जो हिंदू भी चुप है वो भी साथ देते न्याय के लिए मेरे माँ बाप साथ खड़े होते... इतना भेदभाव क्यूँ.. कल तुम्हारी बेटी पे भी खतरा मंडरायेगा.. कोई न मुस्लिम न हिंदू साथ देने आएगा.. अभी देर नहीं आवाज लगाओ मुझे भी न्याय दिलाओ... अपनी बेटियों को बचाओ हर एक दरिंदे को सजा दिलाओ..... #hurt #rape #justicefortwinkle Siddharth singh(Research scholar@IIT)