पहले बंद आंखों से भी तुम्हें देख लेता था, अब खुली आंखों मे भी दिदार नहीं होता, हुर्फ- ऐ-महोब्बत दिल पे लिखा नहीं गाढ़ा है, क्यू मुझे तुम्हारी तरह करार नहीं होता।