"मन मे हो चिंगारी फूलन सी जिसने आग न बुझने दी अंदर की चुन -चुन के मारा उसने उनको जिसने आन ख़राब की उसकी मन मे हो चिंगारी फूलन सी!" "क्यों सहूँ मे बदसलुकी किसी की मेरा भी मान सम्मान है मेने तो कुछ बिगाड़ा नहीं किसी का फिर क्यों जलता मुझसे ये ऊँचा समाज है न जाने क्यों है उनके मन मे जलन सी मन मे हो चिंगारी फूलन सी"! "मनु से फूलन कम नहीं थी दोनों वीर मर्दानी सी मनु देश के लिए कुर्बान थी तो फूलन झूठे समाज पर बलिदान थी खूब लड़ी ये मर्दानी सी मन मे हो चिंगारी फूलन सी"! "हाथ न थे उसके चूड़ी वाले पैरो मे न थी पायल की बैड़ी सी निकली थी वो बांध सर पर कफन सी मन मे हो चिंगारी फूलन सी"! ©Neelam Sanjeev #BanditQueen