अल्फाजों के घेरे से खुद को घेर लिए हम तो दूरियों के समंदर में गोते लगाते रहे हम तो न समझ है नादान है पागल है कि काफिर खुद को समझते रहे हम तो मंजिल से परे भटकते रहे हम तो कहते रहे वो हमसे जाते हो कहां तुम तो मंजिल सामने है फिर भी धक्के खाते हो तुम तो ©aditi the writer #alfaaz#ghera आगाज़