वो पहली बार की बात अपनी पहली मुलाकात कालेज के गेट पर तुमसे मेरी बाइक का टकराना मुझे तिरछी नजर से घूर तेरा मुस्कराना तू भूली तो नहीं ll टैलेंट हंट में वो तेरा डांस मुझे तो आज भी याद है सबको पछाड़ कर तेरा प्रथम स्थान पर आना गायन में तेरा ग़ज़ल सुनाना तू भूली तो नहीं ll Quizऔर स्पीच के लिए वो मेरा होंसला बढ़ाना साथ पंजाबी की क्लास लगाना तेरा वो फेवरेट कलर का सूट जो तेरी शान बढाता सबसे अलग तुझे बनाता तू भूली तो नहीं ll मेरा Quiz में first आना तेरे कारण कविता लिख कालेज के मंच से गाना तेरी सहेलियों में चर्चा का विषय हो जाना मेरी जीत पर तेरा मंद मंद मुस्कराना तू भूली तो नहीं ll वो तेरी पायल का मीठा शोर क्लास रूम को बनाता था कुछ और कभी खुले तो कभी बंदे केश तेरे तेरी सादगी और नजाकत के प्रतीक याद है न तुझे,तू भूली तो नहीं ll (सुरेन्द्र सैनी) ©कवि सुरेन्द्र Kumar Saini (तू भूली तो नहीं) कविता कवि सुरेन्द्र सैनी