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ऊपर ग़ुलाब के बाग़ बेटे के थे ।। नीचे गेंदे के बाग़

ऊपर ग़ुलाब के बाग़ बेटे के थे ।।
नीचे गेंदे के बाग़ भतीजे के थे ।।

बीते साल मुझे कई कांटे चुभे ,,,
और ये अपने ही बगीचे के थे ।।

नीम लगा रहे है लगाने वाले ,,,,
जबकि मौसम तो पपीते के थे ।।

आम जैसे शब्द मुख पर थे ,,,,
करेले शब्द पीठ पीछे के थे ।।

नीम,करेला,बेर,और काटे आदि,,,
ये सब पुनीत तेरे हिस्से के थे ।।


पुनीत कुमार नैनपुर

©punit shrivas #RoadToHeaven       दोस्ती शायरी लव शायरी Hinduism शायरी attitude शायरी हिंदी में
ऊपर ग़ुलाब के बाग़ बेटे के थे ।।
नीचे गेंदे के बाग़ भतीजे के थे ।।

बीते साल मुझे कई कांटे चुभे ,,,
और ये अपने ही बगीचे के थे ।।

नीम लगा रहे है लगाने वाले ,,,,
जबकि मौसम तो पपीते के थे ।।

आम जैसे शब्द मुख पर थे ,,,,
करेले शब्द पीठ पीछे के थे ।।

नीम,करेला,बेर,और काटे आदि,,,
ये सब पुनीत तेरे हिस्से के थे ।।


पुनीत कुमार नैनपुर

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punitshrivas2218

punit shrivas

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