लाज का घूँघट ओढ़ के, तेरी जोगन बन जाऊँ। रंग के तेरी प्रीत में, मैं प्रेम गीत गुनगुनाऊँ। देख के तुझको साथिया, मैं हरपल ही मुस्कुराऊँ। रंग के तेरी प्रीत में, मैं प्रेम गीत गुनगुनाऊँ। सच्ची कहानी इस प्रेम की, मैं सबको यहाँ सुनाऊँ। रंग के तेरी प्रीत में, मैं प्रेम गीत गुनगुनाऊँ। तू सामने हो जब मेरे, मैं हालत अपनी बताऊँ। रंग के तेरी प्रीत में, मैं प्रेम गीत गुनगुनाऊँ। कुछ भी न रखूँ दिल में, सबकुछ ही कह जाऊँ। रंग के तेरी प्रीत में, मैं प्रेम गीत गुनगुनाऊँ। ♥️ Challenge-601 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।