करलो लाख प्रयाश की टूट जाये हम अब जितना परलय बढ़ाओगे तुम खुद पछताओगे ' दर्द की मेरे कोई सरहद नहीं हे की कम हो जिसे तुम बडाना चाहोगे ,' #harm