वो हांसिल नहीं है मुझे इसलिए, मैंने उसका नाम ख़्वाब रखा है.......... मेरी अलमारी में आज तक भी, उसका दिया हुआ गुलाब रखा है........ मैं अक्सर महफ़िल सजा कर, सबको उसके किस्से सुनाता हूं.......... महफ़िल में शरीक होने वालों ने, उसका नाम महबूब नायाब रखा है...... ©Poet Maddy वो हांसिल नहीं है मुझे इसलिए, मैंने उसका नाम ख़्वाब रखा है.......... #Name#Thought#Cupboard#Rose#Organize#Gathering#Stories#Attend#Lover...........