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बहुत दिन हो गए किताबों को सीने से लगाकर सोए हुए...

बहुत दिन हो गए किताबों को सीने से लगाकर सोए हुए.... अब तो किसी की याद में ही सुबह हो जाती है..
written by self real feeling
बहुत दिन हो गए किताबों को सीने से लगाकर सोए हुए.... अब तो किसी की याद में ही सुबह हो जाती है..
written by self real feeling
vishalgupta1044

Vishal gupta

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