सीख लूँ तुमसे ही मुमकिन है सम्भलते रहना , और कुछ देर चराग़ों अभी जलते रहना ! तुम हवाओं के इरादों को बदलते रहना , और कुछ देर चराग़ों अभी जलते रहना ! अब किस उम्मीद पे कह दूँ बहलते रहना , और कुछ देर चराग़ों अभी जलते रहना ! उम्र भर मेरी तरह आग में जलते रहना ! रास आया न तुम्हें भी पिघलते रहना ! Shigaf✍ #gif