नहीं छोड़ सकती मैं मेरी जिंदगी की किताब को खुला, क्योंकि मैं चाहती हूं तुम ही इन बंद किताबों के पन्ने पलटकर देखो! पढ़ना सीख रही हूं मैं तुम्हें, तुम भी बस पढ़ने की कोशिश तो कर लो! (#दिव्या भंडारी) ©Divya Bhandari #Travelstories