Nojoto: Largest Storytelling Platform

दो लफ्ज कहना चाहूंगा ज़रा गौर फरमाएं इस ढलती शाम क

दो लफ्ज कहना चाहूंगा ज़रा गौर फरमाएं
इस ढलती शाम की महफ़िल में जरा रंग जमाइये
जिंदगी से लुट तन्हा से बैठे हे हम
बाजू में आके जरा आप भी तशरीफ लगाइये

©Meet
  love birds
meet7393759869089

Meet

New Creator

love birds #विचार

290 Views