धरती हमारी मां है पानी है पालनहारा, हवा ने ही तो हमारा जीवन है संवारा। यही हमारी पूंजी है यही हमारा सहारा , इसके बिना जीना हमें अब नहीं गंवारा । पानी नष्ट करके हवा को दूषित किया, धरती मां के साथ कैसा अन्याय किया । जिनकी गोद में जन्म लेकर लेटेंगे दोबारा , मलिन कर रहा है इसे धरती मां का प्यारा । जरा सी शर्म बची है जिंदा है ज़मीर तुम्हारा ना जल को नष्ट करो ना वायु को मलिन दोबारा। ©SumitGaurav2005 #EnvironmentDay2021 #WorldOzoneDay #sumitmandhana #sumitgaurav #sumitkikalamse #nojotoapp #nojotopoetry #Poetry #Poet #Nature