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मां की ममता तो ठीक है चंद शब्द पिता से बतला कर देख

मां की ममता तो ठीक है चंद शब्द पिता से बतला कर देखो,
  लोगों से सुना है कि वह दिल नहीं रखता अजी कभी गले लगा कर तो देखो।।

अपनी ख्वाहिशों पर हमेशा जां लुटाते फिरते हो,
 उसके साए के बगैर कभी दो पग बढ़ा कर तो देखो।।

चांद की शीतलता पर गुरुर तो सब ने किया होगा,
 बगैर सूरज के एक शहर बसा कर तो देखो।।

वह तो चिराग है जो पूरे घर को रोशन रखता है, 
लेकिन उस चिराग तले अंधेरा है यह बात भी अपना कर देखो।।

लोग हमेशा कहते हैं कि मां का कोई मोल नहीं,
कभी उस मां से एक बाप की चर्चा लगा कर तो देखो।।

बहुत मजबूत हृदय रखता है वह, जिसका कोई मेल नहीं,
तुम्हारी ख्वाहिशों के पीछे उसका संघर्ष है यह बात पेट में पचा कर तो देखो।।

तुम सोचते हो सब पिता से प्यार करते हैं,
 अच्छा ठीक है पर कभी वृद्ध आश्रम जाकर तो देखो।।

यह हो भी सकता है तुम्हारे काम के अब ना रहे,
धैर्य रखो सुई घड़ी की कुछ समय आगे घुमा कर तो देखो।।

लोगों से सुना है कि वह दिल नहीं रखता अजी कभी गले लगा कर तो देखो।। #__स्वरचित_कविता
मां की ममता तो ठीक है चंद शब्द पिता से बतला कर देखो,
  लोगों से सुना है कि वह दिल नहीं रखता अजी कभी गले लगा कर तो देखो।।

अपनी ख्वाहिशों पर हमेशा जां लुटाते फिरते हो,
 उसके साए के बगैर कभी दो पग बढ़ा कर तो देखो।।

चांद की शीतलता पर गुरुर तो सब ने किया होगा,
 बगैर सूरज के एक शहर बसा कर तो देखो।।

वह तो चिराग है जो पूरे घर को रोशन रखता है, 
लेकिन उस चिराग तले अंधेरा है यह बात भी अपना कर देखो।।

लोग हमेशा कहते हैं कि मां का कोई मोल नहीं,
कभी उस मां से एक बाप की चर्चा लगा कर तो देखो।।

बहुत मजबूत हृदय रखता है वह, जिसका कोई मेल नहीं,
तुम्हारी ख्वाहिशों के पीछे उसका संघर्ष है यह बात पेट में पचा कर तो देखो।।

तुम सोचते हो सब पिता से प्यार करते हैं,
 अच्छा ठीक है पर कभी वृद्ध आश्रम जाकर तो देखो।।

यह हो भी सकता है तुम्हारे काम के अब ना रहे,
धैर्य रखो सुई घड़ी की कुछ समय आगे घुमा कर तो देखो।।

लोगों से सुना है कि वह दिल नहीं रखता अजी कभी गले लगा कर तो देखो।। #__स्वरचित_कविता