लिखता रहता हूँ लिखता रहता हूँ ज़िन्दगी के हर लम्हे को कागज़ के पन्नो पे कभी धड़कनें फ़ैलाता मेरे दिल में तो कभी अपने ज़िस्म पे तड़पती मेरी रूह से न गयी प्यार की महक आँखों की नमी न भूली इशारों की चमक सिसकती साँसों ने क्या खूब पहुँचाया ज़िन्दगी को इस मुक़ाम पे लिखता रहता हूँ ... कमी नहीं रही अब आँखों में आंशुओं की दर्द की बौछार समेटे उन यादों की जो तशरीफ़ सिर्फ़ ग़म ले आयी मेरे दिल के दर पे लिखता रहता हूँ ... क्यों मैं इस क़दर बाहें फ़ैलाए खड़ा हूँ उनके इंतज़ार में अब वक़्त को भी जाने क्या मंजूर है हमारे दीदार में कम्बख्त खुशियों की बारिश न गिरी होठों पे लिखता रहता हूँ ... हर मन्नत में मेरी बस उन्हिकि ख़्वाइशें अमानत हैं वह मेरी धड़कनों की नहीं यह दिल की नुमाइशें सोचता हूँ के तड़पन क्यों बिखर जाता है बदन पे लिखता रहता हूँ ... #yqlove #love #yqhindiurdu #life #an_unproven_star #time #dil_e_shefta