एक सुबह है रोशन पुरानी सी चिरागों की कहानी कहती है अलादीन के जिन की नही राम्राज्य की कहानी कहती है ........ हजारों के साये है यहां दीप जलाए फिरते हैं रोशन है वो अँधेरे भी, जो चिराग बुझाए फिरते हैं ........ मासूमों की टोलियों को,पत्थर से उम्मीद है पत्थर तो रोशन है, मगर टोलियां फिर नाउम्मीद हैं .......... खिलता चाँद अगर, तो चिराग क्यूं जलते भला होती मोहब्बत अगर,तो दीवार क्यूं बनते भला दिवाली:एक परिचय