Nojoto: Largest Storytelling Platform

ग़ज़ल ००0०० तेरी  याद  जब  भी  आती  है। मेरी  नीं

ग़ज़ल 
००0००
तेरी  याद  जब  भी  आती  है।
मेरी  नींद   को   ले  जाती  है।

मरियम   मैं  तुझे   कैसे  बोलूँ।
हर  आहट  मुझे   तरपाती  है। 

मेरे   अश्क़  रोते  हैं   शब  भर।
शब हर  रोज जख्म़  बनातीं है।

तेरी  याद  दिल  के  जख्म़ों को। 
गीतों  में   सदा  सज्'आती   है।

©KUNDAN KUNJ #kavikundan 
#Kundanspoetry 
#kundankunj


#SAD
ग़ज़ल 
००0००
तेरी  याद  जब  भी  आती  है।
मेरी  नींद   को   ले  जाती  है।

मरियम   मैं  तुझे   कैसे  बोलूँ।
हर  आहट  मुझे   तरपाती  है। 

मेरे   अश्क़  रोते  हैं   शब  भर।
शब हर  रोज जख्म़  बनातीं है।

तेरी  याद  दिल  के  जख्म़ों को। 
गीतों  में   सदा  सज्'आती   है।

©KUNDAN KUNJ #kavikundan 
#Kundanspoetry 
#kundankunj


#SAD
kundanspoetry7099

KUNDAN KUNJ

Bronze Star
New Creator