सोचता हूं इस ज़िन्दगी में एक अच्छा काम कर दूं। ये जो मेरी बची हुई ज़िन्दगी है, तुम्हारे नाम कर दूं। हर काम करूं तो तेरी यादों के मंजर में गुम होकर है करूं, अब तो सोचता हूं कि तेरी यादों में रहकर ही सुबह से शाम कर दूं। #यादों_का_मंजर #शहर_ए_इश्क़ #तेरीआवाज़