जाने किस पहलू पर मुड़ गई है जिन्दगी पास तो सब है पर कोई अपना नहीं है, जिन्दा भी हुं , सांसे भी चल रहीं हैं, पर एहसास मोजूदगी का होता ही नहीं है, लाइलाज सा लगता है मेरा गम मुझको, जिन्दा रहने की कोई मुकम्मल वजा ही नहीं है। #Tutahuaa