पल्लव की डायरी अफ़साने मुझे बताने नही है प्यार जताके, कीमत बताने नही है हिसाब वो रखे पल पल का जिन्हें गुलाम बनाकर नोकर बनाने है में तो मालिक हूँ खुद अपना जितना मर्जी है लुटाता हूँ सौगाते बांटकर खुशहाली लाता हूं में कोई सौदागर नही हूँ जो हिसाब लगाकर लोगो को जाल में फँसाता हूँ प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #नोजोतोहिन्दी #मोतीबेट#कविताएँ हिसाब वो रखे,जो जाल में लोगो को फसाते है #पल्लव_की_डायरी