अपनी मुकद्दर पर बस नहीं हमारा, मन में संकल्प लिए चल पड़े, फिर से जीतने की उम्मीद में हर जहमत उठाएंगे हम, अब मकबूल होने के बाद ही चैन से नहीं बैठेंगे हम। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 के प्रतियोगिता:-117 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।