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मेरे नसीब में खुद से क्या शिकवा करूँ जब वक़्त ने मु

मेरे नसीब में खुद से क्या शिकवा करूँ जब वक़्त ने मुझे ठुकराया है,
मेरी उभरती हुई प्रतिभा का दुनियां ने मजाक उड़ाया है।
अब कितनी भी कोशिश कर लूँ ये लाइलाज एक मर्ज है,
अब उस वक़्त की क्या शिकवा करूँ जब मेरे नसीब में लिखे सिर्फ दर्द है। #MereNasibMe मेरे नसीब में
मेरे नसीब में खुद से क्या शिकवा करूँ जब वक़्त ने मुझे ठुकराया है,
मेरी उभरती हुई प्रतिभा का दुनियां ने मजाक उड़ाया है।
अब कितनी भी कोशिश कर लूँ ये लाइलाज एक मर्ज है,
अब उस वक़्त की क्या शिकवा करूँ जब मेरे नसीब में लिखे सिर्फ दर्द है। #MereNasibMe मेरे नसीब में