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रूह पर गुजर रहा है सच में कुछ, या आयनों से जालसाज

रूह पर गुजर रहा है सच में कुछ, 
या आयनों से जालसाजी हो रही है ?
जो जिंदगी शुरू  हुए न शुरू हुई, 
क्यों अचानक आधी हो रही है !

©Abhidev - Arvind Semwal रूह पर गुजर रहा है सच में कुछ, 
या आयनों से जालसाजी हो रही है ?
जो जिंदगी शुरू  हुए न शुरू हुई, 
क्यों अचानक आधी हो रही है !

#raindrops  Choudhurŷ Ŕãmů Shivam Singh Baghi Khalvat Poetry Nikhil mishra khushi samrat
रूह पर गुजर रहा है सच में कुछ, 
या आयनों से जालसाजी हो रही है ?
जो जिंदगी शुरू  हुए न शुरू हुई, 
क्यों अचानक आधी हो रही है !

©Abhidev - Arvind Semwal रूह पर गुजर रहा है सच में कुछ, 
या आयनों से जालसाजी हो रही है ?
जो जिंदगी शुरू  हुए न शुरू हुई, 
क्यों अचानक आधी हो रही है !

#raindrops  Choudhurŷ Ŕãmů Shivam Singh Baghi Khalvat Poetry Nikhil mishra khushi samrat